सौंदर्यशास्त्र, वास्तव में कला एवं साहित्यिक सौंदर्य जैसे कल्पना, कार्य निर्माण स्थल, इंद्रिय बोधगम्यता, अनुभूति, मनोदशा, विश्वास आदि के अध्ययन करने की एक विशिष्ट शाखा है।
सारांश
संत साहित्य आचरण की पवित्रता एवं शुद्धता लेकर लोक के समक्ष आया। उसमें युगबोध एवं लोक चेतना का व्यापक स्वरूप प्रतिफलित है। मध्यकालीन सामाजिक, आर्थिक एवं साँस्कृतिक समस्याओं का संत साहित्य में स्वाभाविक चित्रण हुआ।
हिंदी साहित्य में सर्वथा नवीन कथा विधा लघुकथा रूप रचना की दृष्टी से है तो अदनी सी लेकिन अपने सूक्ष्म और प्रभावकारी कथ्यों, सीमित किंतु सटीक शब्दों, सारगर्भितता, प्रभावी और तीक्ष्ण संवादों के कारण आज साहित्य के केंद्र में आ गई है।
कुंवर बेचैन ने समय को केवल परखा ही नहीं तराशा भी है | बेहतरीन गीतकार तो वह हैं ही बेहतरीन ग़ज़लकार के रूप में उन्होने पाठकों को हिन्दी ग़ज़ल के रूप में खूबसूरत सौगात भेंट की है |
दी साहित्य का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उनके जीवनकाल में उनकी रचनाएं लोगों तक नहीं पहुँच सकीं लेकिन उनकी लेखनी में एक ऐसा जादू था, शिल्प का एक ऐसा चमत्कार था, भावों का एक ऐसा अपूर्व संयोजन था, पाठक जिसके वशीभूत हुए बिना नहीं रह सकते।