विश्वहिंदीजन कोश

अंगद का पाँव : श्रीलाल शुक्ल वैसे तो मुझे स्टेशन जा कर लोगों को विदा देने का चलन नापसंद है, पर इस बार मुझे स्टेशन जाना पड़ा और मित्रों को विदा देनी पड़ी। इसके कई कारण थे। पहला तो यही कि वे मित्र थे। और, मित्रों के सामने सिद्धांत का प्रश्न उठाना ही बेकार होता Read more
अंडे के छिलके (नाटक) : मोहन राकेशअनुक्रम1 अंडे के छिलके (नाटक) : मोहन राकेश2 Ande Ke Chhilke (Hindi Play) : Mohan Rakesh Ande Ke Chhilke (Hindi Play) : Mohan Rakesh पात्र श्याम, वीना, राधा, गोपाल, जमुना, माधव परदा उठने पर गैलरी वाला दरवाज़ा खुला दिखाई देता है। बायीं ओर के दरवाज़े के आगे परदा लटक Read more
Adalati Faisla Kamleshwarअनुक्रम1 Adalati Faisla Kamleshwar2 अदालती फ़ैसला कमलेश्वर अदालती फ़ैसला कमलेश्वर अदालत में एक संगीन फ़ौजदारी मुकद्दमे के फ़ैसले का दिन। मुकद्दमा हत्या की कोशिश का था क्योंकि जिसे मारने की साजिश की गई थी वह गहरे जख्म खाकर भी अस्पताल की मुस्तैद देखभाल और इलाज की बदौलत जिन्दा बच गया था। इस मुकहमे Read more
अंधा युग (नाटक) : धर्मवीर भारतीअनुक्रम1 अंधा युग (नाटक) : धर्मवीर भारती2 Andha Yug (Hindi Play) : Dharamvir-Bharati2.0.1 पात्र2.0.2 घटना-काल2.0.3 स्थापना2.0.4 मंगलाचरण2.0.5 उद्घोषणा2.1 पहला अंक2.1.1 कौरव नगरी2.1.2 प्रहरी-12.1.3 प्रहरी-22.1.4 प्रहरी-12.1.5 प्रहरी-22.1.6 प्रहरी-12.1.7 प्रहरी-22.1.8 प्रहरी-12.1.9 प्रहरी-22.1.10 प्रहरी-12.1.11 प्रहरी-22.1.12 प्रहरी-12.1.13 प्रहरी-22.1.14 प्रहरी-12.1.15 प्रहरी-22.1.16 प्रहरी-12.1.17 प्रहरी-12.1.18 विदुर2.1.19 प्रहरी-12.1.20 विदुर2.1.21 कथा गायन2.1.22 धृतराष्ट्र2.1.23 विदुर2.1.24 धृतराष्ट्र2.1.25 विदुर2.1.26 धृतराष्ट्र2.1.27 विदुर2.1.28 धृतराष्ट्र2.1.29 Read more
ज़िन्दगी के… कमरों में अँधेरे लगाता है चक्कर कोई एक लगातार; आवाज़ पैरों की देती है सुनाई बार-बार….बार-बार, वह नहीं दीखता… नहीं ही दीखता, किन्तु वह रहा घूम तिलस्मी खोह में ग़िरफ्तार कोई एक, भीत-पार आती हुई पास से, गहन रहस्यमय अन्धकार ध्वनि-सा अस्तित्व जनाता अनिवार कोई एक, और मेरे हृदय की धक्-धक् पूछती है–वह Read more
Anamika Suryakant Tripathi Niralaअनुक्रम1 Anamika Suryakant Tripathi Nirala2 अनामिका सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला2.1 1. गीत2.2 2. प्रेयसी2.3 3. मित्र के प्रति2.4 4. सम्राट एडवर्ड अष्टम के प्रति2.5 5. दान2.6 6. प्रलाप2.7 7. खँडहर के प्रति2.8 8. प्रेम के प्रति2.9 9. वीणावादिनी2.10 10. प्रगल्भ प्रेम2.11 11. यहीं2.12 12. क्या गाऊँ2.13 13. प्रिया से2.14 14. सच है2.15 15. Read more
अपने सामने कुँवर नारायणअनुक्रम1 अपने सामने कुँवर नारायण2 एक2.1 अंतिम ऊँचाई2.2 समुद्र की मछली2.3 आपद्धर्म2.4 जब आदमी-आदमी नहीं रह पाता2.5 बंधा शिकार2.6 एक अजीब दिन2.7 एक अदद कविता2.8 इन्तिज़ाम2.9 आदमी अध्यवसायी था2.10 अपने बजाय2.11 तुम मेरे हर तरफ़2.12 सतहें2.13 बाक़ी कविता3 दो3.1 लगभग दस बजे रोज़3.2 विभक्त व्यक्तित्व ?3.3 लखनऊ3.4 ज़रूरतों के नाम पर3.5 लाउडस्‍पीकर3.6 Read more
Abhangvani Sant Namdev अनुक्रम1 Abhangvani Sant Namdev 2 अभंगवाणी संत नामदेव जी2.1 राग टोडी2.2 राग सोरठि2.3 राग गौडी2.4 राग माली गौडी2.5 राग रामगिरी2.6 रागा आसावरी2.7 राग भैरुं2.8 राग कनडौ2.9 राग मारु षंभाइची2.10 राग परजीयौ2.11 राग कल्याण2.12 राग सारंग2.13 राग धनाश्री2.14 केवल पूना प्रति में प्राप्त होनेवाले पद2.15 केवल घुमान प्रति में प्राप्त होनेवाले पद2.16 केवल सर्बगी में Read more
 Amritsar Aa Gaya Hai -Bhisham Sahniअनुक्रम1  Amritsar Aa Gaya Hai -Bhisham Sahni2 अमृतसर आ गया है -भीष्म साहनी अमृतसर आ गया है -भीष्म साहनी गाड़ी के डिब्बे में बहुत मुसाफिर नहीं थे। मेरे सामनेवाली सीट पर बैठे सरदार जी देर से मुझे लाम के किस्से सुनाते रहे थे। वह लाम के दिनों में बर्मा की Read more
असाध्य वीणा: अज्ञेय  आ गये प्रियंवद! केशकम्बली! गुफा-गेह! राजा ने आसन दिया। कहा: “कृतकृत्य हुआ मैं तात! पधारे आप। भरोसा है अब मुझ को साध आज मेरे जीवन की पूरी होगी!” लघु संकेत समझ राजा का गण दौड़े! लाये असाध्य वीणा, साधक के आगे रख उसको, हट गये। सभा की उत्सुक आँखें एक बार वीणा Read more
Aakashdeep Jaishankar Prasadअनुक्रम1 Aakashdeep Jaishankar Prasad2 आकाशदीप जयशंकर प्रसाद आकाशदीप जयशंकर प्रसाद 1 “बन्दी!” “क्या है? सोने दो।” “मुक्त होना चाहते हो?” “अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।” “फिर अवसर न मिलेगा।” “बड़ा शीत है, कहीं से एक कम्बल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।” “आँधी की सम्भावना है। यही अवसर है। आज मेरे Read more
Aangan Ke Par Dwar Agyeyaअनुक्रम1 Aangan Ke Par Dwar Agyeya2 आँगन के पार द्वार– अज्ञेय3 अन्तःसलिला3.1 1. सरस्वती पुत्र3.2 2. बना दे, चितेरे3.3 3. भीतर जागा दाता3.4 4. अन्धकार में दीप3.5 5. पास और दूर3.6 6. पहचान3.7 7. झील का किनारा3.8 8. अंतरंग चेहरा3.9 9. पराई राहें3.10 10. पलकों का कँपना3.11 11. एक उदास साँझ3.12 Read more
Aatamjayi Kunwar Narayanअनुक्रम1 Aatamjayi Kunwar Narayan2 आत्मजयी कुँवर नारायण2.1 पूर्वाभास2.2 वाजश्रवा2.3 नचिकेता आत्मजयी कुँवर नारायण पूर्वाभास ओ मस्तक विराट, अभी नहीं मुकुट और अलंकार। अभी नहीं तिलक और राज्यभार। तेजस्वी चिन्तित ललाट। दो मुझको सदियों तपस्याओं में जी सकने की क्षमता। पाऊँ कदाचित् वह इष्ट कभी कोई अमरत्व जिसे सम्मानित करते मानवता सम्मानित हो। सागर-प्रक्षालित Read more
आधे अधूरे (नाटक) : मोहन राकेशअनुक्रम1 आधे अधूरे (नाटक) : मोहन राकेश2 Aadhe Adhoore (Hindi Play) : Mohan Rakesh Aadhe Adhoore (Hindi Play) : Mohan Rakesh का.सू.वा. (काले सूटवाला आदमी) जो कि पुरुष एक, पुरुष दो, पुरुष तीन तथा पुरुष चार की भूमिकाओं में भी है। उम्र लगभग उनचास-पचास। चेहरे की शिष्टता में एक व्यंग्य। पुरुष एक के Read more
Ashadh Ka Ek Din Mohan Rakeshअनुक्रम1 Ashadh Ka Ek Din Mohan Rakesh2 आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश3 पात्र परिचय4 आषाढ़ का एक दिन-अंक 15 आषाढ़ का एक दिन-अंक 26 आषाढ़ का एक दिन-अंक 3 आषाढ़ का एक दिन मोहन राकेश पात्र परिचय अंबिका : ग्राम की एक वृद्धा मल्लिका : वृद्धा की पुत्री कालिदास Read more
Aansu Jaishankar Prasadअनुक्रम1 Aansu Jaishankar Prasad2 आंसू जयशंकर प्रसाद2.1 आंसू आंसू जयशंकर प्रसाद आंसू इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती क्यों हाहाकार स्वरों में वेदना असीम गरजती? मानस सागर के तट पर क्यों लोल लहर की घातें कल कल ध्वनि से हैं कहती कुछ विस्मृत बीती बातें? आती हैं शून्य क्षितिज से Read more
In Dino Kunwar Narayanअनुक्रम1 In Dino Kunwar Narayan2 इन दिनों कुँवर नारायण2.1 नदी के किनारे2.2 एक अजीब-सी मुश्किल2.3 बाज़ारों की तरफ़ भी2.4 अपठनीय2.5 आजकल कबीरदास2.6 जख़्म2.7 शहर और आदमी2.8 नींव के पत्थर2.9 जिसे बहुत पहले आना था2.10 एक जले हुए मकान के सामने2.11 कुतुब का परिसर2.12 काफ़्का के प्राहा में2.13 क्राकाउ के चिड़ियाघर में अकेला Read more
Urvashi Ramdhari Singh Dinkarअनुक्रम1 Urvashi Ramdhari Singh Dinkar2 उर्वशी रामधारी सिंह ‘दिनकर’2.1 पात्र परिचय पुरुष2.2 नारी2.3 प्रथम अंक प्रथम अंक आरम्भ2.4 सूत्रधार2.5 नटी2.6 सूत्रधार2.7 नटी2.8 सूत्रधार2.9 नटी2.10 सूत्रधार2.11 नटी2.12 सूत्रधार2.13 नटी2.14 सूत्रधार2.15 परियों का समवेत गान2.16 सहजन्या2.17 रम्भा2.18 मेनका2.19 समवेत गान2.20 रम्भा2.21 मेनका2.22 रम्भा2.23 मेनका2.24 सहजन्या2.25 रम्भा2.26 सहजन्या2.27 रम्भा2.28 सहजन्या2.29 रम्भा2.30 सहजन्या2.31 रम्भा2.32 सहजन्या2.33 रम्भा2.34 Read more
उलटबाँसियाँ अमीर खुसरो Ulatbaansiyan Amir Khusroअनुक्रम1 उलटबाँसियाँ अमीर खुसरो Ulatbaansiyan Amir Khusro1.1 ढकोसले ढकोसले काकी फूफा घर में हैं कि नायं, नायं तो नन्देऊ पांवरो होय तो ला दे, ला कथूरा में डोराई डारि लाऊँ खीर पकाई जतन से और चरखा दिया जलाय आयो कुत्तो खा गयो, तू बैठी ढोल बजाय, ला पानी पिलाय पीपल Read more
Oont Ki Karwat Rangeya Raghavअनुक्रम1 Oont Ki Karwat Rangeya Raghav2 ऊँट की करवट रांगेय राघव ऊँट की करवट रांगेय राघव एक गंगापुत्रों की उस छोटी-सी बस्ती में किसी को भी हैसियत वाला नहीं कहा जा सकता, क्योंकि किसी की भी खास आमदनी नहीं थी। रामदीन पांडे ही के पास थोड़ा-बहुत धन था, और वह भी Read more