मेघालय का वांगला त्योहार (Wangla Festival of Meghalaya)मेघालय के गारो समुदाय की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है I अतः इनके त्योहार और उत्सव भी कृषि पर आधारित होते हैं I वांगला इनका प्रमुख त्योहार है I शरद ऋतु में फसल कटने के बाद यह त्यौहार मनाया जाता है I इसमें ‘पतिगिपा रारोंगिपा’ देवता की पूजा की जाती है I चार दिनों तक प्रत्येक गाँव में यह त्योहार मनाया जाता है I युद्ध नृत्य इस त्योहार का प्रमुख आकर्षण है I यह त्योहार प्रत्येक वर्ष नवंबर के दूसरे सप्ताह में मनाया जाता है I मुख्य आयोजन गारो हिल्स में तुरा के पास आसनंग गांव में किया जाता है I यह फसल तैयार होने के बाद आयोजित होनेवाला उत्सव है। ‘मिसि सलजोंग’ के सम्मान में इस त्योहार का आयोजन किया जाता है जिसे एक उदार देवता माना जाता है। गाँव के प्रधान को ‘नोकमा’ कहा जाता है I त्योहार शुरू होने से एक दिन पहले नोकमा द्वारा एक अनुष्ठान आयोजित किया जाता है I इस अनुष्ठान में ‘मिसि सलजोंग’ को चावल, मदिरा और सब्जियां अर्पित की जाती हैं। वांगला महोत्सव को “100 ड्रम वांगला महोत्सव” भी कहा जाता है I संगीत इस उत्सव का मुख्य आकर्षण है। ड्रम, ऑर्केस्ट्रा और बांसुरी की सम्मिलित स्वर लहरियां एक अद्भुत और मंत्रमुग्ध करने वाला माहौल सृजित करती हैं।
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मेघालय का वांगला त्योहार (Wangla Festival of Meghalaya)

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