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साहित्य

रानी केतकी की कहानी

रानी केतकी की कहानी: इंशा अल्ला खाँ 'इंशा' यह वह कहानी है कि जिसमें हिंदी छुट।और न किसी बोली का मेल है न पुट॥सिर झुकाकर...

धूमिल की काव्य चेतना

साठोत्तरी हिन्दी कविता  की जमीन पर खड़े धूमिल के सामने बड़ा ही मौलिक प्रश्न सर उठाये खड़ा था की आखिर कविता क्या है ।

गूंगी आवाज़ें

लाशे बोल रही हैं

उच्च शिक्षा और शोध की गुणवत्ता

विश्वविद्यालय में शोध का आलम ये है कि शिक्षक छात्र की हैसियत और काबिलियत देख कर उन्हें शोध की अनुमति देते हैं और विषय चयन से लेकर थीसिस जमा करने तक या तो उनसे पैसे मागते है

लोक साहित्य में प्रकृति वर्णन की शिष्ट साहित्य से तुलना

लोकसाहित्य में नगर, शहर और ग्रामीण जीवन का वह समस्त साहित्य आ जाता है जिनमें अंचल विशेष की परम्परा का निर्वाह होता है।

वसुंधरा वंदन: विश्वरुप साह ‘परीक्षित’

हिमालय बन रक्षक प्रहरी, सागर निशदिन चरण पखारे।

कविता “प्रवास”

जैसे चलती यह पुरवाई,                                   मै तो बस ऐसे ही चला था, 

पतझड़

कोकिला की कूक सूनी हूक अंतस् गढ़ बना है। भाव निर्जन राग नीरव और मन  पतझड़ बना है॥

अजन्मा प्रतिकार

कुंठित मन का अधार है बेकारी, भुखमरी,भ्रष्टाचार और अन्याय तथा शोषण का फैला हुआ साम्राज्य.

सच की जान निकल जाती है

इस तरह बातों की भीड़ में सच्ची बात खो जाती है
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