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  • सावन की प्रथम फुहार

    सावन की प्रथम फुहार सुनी आज पपिहे की बोली , कहां चली मंडुकों की टोली? क्यों हुआ चातक भाव विह्वल, क्यों मुसकाई वसुंधरा मंद- मंद? क्यों शिखावल फैलाए पंख, क्यों निहार रहे नभ सारस, हंस? क्यों तरु करे सप्त स्वर उत्पन्न, क्यों भर आए विरहिणी - नयन? क्यों...

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