कानपुर में पिछले
दिनों 8 -10 जनवरी 2017 तक भारतीय भाषा के इतिहास में एक अनूठी कार्यशाला *
भाषासेतु* का आयोजन हुआ . भारत की समस्त भाषाओं के विद्वानों की एक ही मंच पर
उपस्थिति अद्भुत थी . भाषाओं के व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित इस
कार्यशाला में कश्मीर से केरल तथा असम से गुजरात तक का प्रतिनिधित्व था . भाषाओं
के समन्वय को लेकर ऐसा उत्साह मैंने पहले नहीं देखा . कार्यशाला के संयोजक भाषाविद
भाई यशभान सिंह तोमर और भारतीय भाषा मंच के सभी सहयोगी साथियों को साधुवाद .
दिनों 8 -10 जनवरी 2017 तक भारतीय भाषा के इतिहास में एक अनूठी कार्यशाला *
भाषासेतु* का आयोजन हुआ . भारत की समस्त भाषाओं के विद्वानों की एक ही मंच पर
उपस्थिति अद्भुत थी . भाषाओं के व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित इस
कार्यशाला में कश्मीर से केरल तथा असम से गुजरात तक का प्रतिनिधित्व था . भाषाओं
के समन्वय को लेकर ऐसा उत्साह मैंने पहले नहीं देखा . कार्यशाला के संयोजक भाषाविद
भाई यशभान सिंह तोमर और भारतीय भाषा मंच के सभी सहयोगी साथियों को साधुवाद .
भाषासेतु कार्यशाला
के परिणामों से उत्साहित होकर उर्वशी और भारतीय भाषा मंच द्वारा भाषासेतु
कार्यशाला का आयोजन भोपाल में किया जा रहा है . इस कार्यशाला की सम्पूर्ण योजना
शीघ्र ही आपके सामने होगी .
के परिणामों से उत्साहित होकर उर्वशी और भारतीय भाषा मंच द्वारा भाषासेतु
कार्यशाला का आयोजन भोपाल में किया जा रहा है . इस कार्यशाला की सम्पूर्ण योजना
शीघ्र ही आपके सामने होगी .
भारत में अनेक भाषाएं
हैं ,
हम बहुत सी भाषाओं के बारे में कुछ भी नहीं जानते . क्या हम इन
भाषों के बारे में कुछ भी नहीं जानना चाहते ? भारत की भाषाओं
को आपस में जोड़ना न केवल हमारी संस्कृति का विस्तार है बल्कि सौहार्द पूर्ण वातारण
का निर्माण करने में भी सहायक है .यदि आपको भी अपने देश की भाषाओं से प्रेम है तो
आइये – हम सब भारतीय भाषाओं के गौरव की रक्षा करें . कार्यशाला से जुड़ने के लिए
मेल आई डी bhashamanch@gmail.com पर अपना परिचय , रुचियाँ , विचार और संपर्क सूत्र भेज सकते हैं .
भाषासेतु कार्यशाला में हम आपको बुलाना चाहेंगें – डॉ राजेश श्रीवास्तव , भोपाल
हैं ,
हम बहुत सी भाषाओं के बारे में कुछ भी नहीं जानते . क्या हम इन
भाषों के बारे में कुछ भी नहीं जानना चाहते ? भारत की भाषाओं
को आपस में जोड़ना न केवल हमारी संस्कृति का विस्तार है बल्कि सौहार्द पूर्ण वातारण
का निर्माण करने में भी सहायक है .यदि आपको भी अपने देश की भाषाओं से प्रेम है तो
आइये – हम सब भारतीय भाषाओं के गौरव की रक्षा करें . कार्यशाला से जुड़ने के लिए
मेल आई डी bhashamanch@gmail.com पर अपना परिचय , रुचियाँ , विचार और संपर्क सूत्र भेज सकते हैं .
भाषासेतु कार्यशाला में हम आपको बुलाना चाहेंगें – डॉ राजेश श्रीवास्तव , भोपाल