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लातिनी अमेरिकी कहानी -एक पीला फूल

    अनूदित लातिनी अमेरिकी कहानी                                     ...

इतालवी कहानी-अनावृत उरोज

अनूदित इतालवी कहानी                                            ...

रूसी कहानी -मारेय नाम का किसान

अनूदित रूसी कहानी                                          ...

फ़्रांसीसी कहानी-इरोस्ट्रेटस

 ( अनूदित फ़्रांसीसी कहानी )                                        ...

जैक लंडन की कहानी- द चिनागो

जैक लंडन की कहानी " द चिनागो " का  अंग्रेज़ी से हिंदी में " वह चिनागो " शीर्षक से अनुवाद ) वह चिनागो  मूल लेखक :...

अनूदित जर्मन कहानी-दंपति

( अनूदित जर्मन कहानी  )                       दंपति                 ...

अनूदित लातिन अमेरिकी कहानी-एक पीला फूल

दरअसल मुझे वह फूल बेहद सुंदर लगा और तब यह अहसास मुझ पर शिद्दत से हावी हुआ कि एक दिन मैं मर कर सदा के लिए ख़त्म हो जाने वाला था । वह फूल बेहद सुंदर था और भविष्य में आने वाले लोगों के लिए फूल हमेशा मौजूद होंगे और तभी मैं अनस्तित्व और नगण्यता के बारे में सब कुछ जान गया ।

भारतीय भाषाओं का हिंदी में अनुवाद : स्वप्न और संकट  (गुजराती के संदर्भ में)- डॉ. नयना डेलीवाला

अनुवाद रचना का पुनर्जीवन है। साहित्य और कला में जीवन के यथार्थ अनुभवों का लेखा-जोखा अभिव्यक्ति पाता है। यूं देखा जाय तो हमारा जीवन राजनीति एवं विचारधाराओं के तहत ही जिया जा रहा है। हमारे आस-पास जो गूंथा-बुना जा रहा है उस प्रभाव से हम अछूते नहीं रह पाते। कला में जो अभिव्यक्त होता है, अनुवाद के द्वारा उसी संवेदना को अन्यान्य तक संप्रेषित किया जा सकता है। भाषा  विचारों की संवाहिका है तो अनुवाद विविध भाषाओं एवं विविध संस्कृतियों से साक्षात्कार करानेवाला साधन। अनुवाद अपने भगीरथ प्रयास से दो विभिन्न एवं अपरिचित संस्कृतियों,परिवेशों एवं भाषाओं की सौंदर्य चेतना को अभिन्न और परिचित बना देता है। पॉल एंजिल का यह कथन पूर्णतया सही है कि--- “ इक्कीसवीं सदी में प्रत्येक देश में दो साहित्य उपलब्ध हो सकेंगे। पहला, उसके अपने लेखकों का रचा गया साहित्य और दूसरा विश्व भाषाओं से अनूदित साहित्य। “

गुजराती कहानी-भैयादादा (लेखक: स्वर्गीय धूमकेतु)-अनुवादक: डॉ.रजनीकांत एस.शाह

गुजराती कहानी-भैयादादा (लेखक: स्वर्गीय धूमकेतु)-अनुवादक: डॉ.रजनीकांत एस.शाह

तेलुगु लघुकथा ‘हस्ताक्षर (दस्तकत)’-जाजुला गौरी

तेलुगु लघुकथा ‘हस्ताक्षर’ हस्ताक्षर  (दस्तकत) लेखिका- जाजुला गौरी  अनुवादक- के. कांचन           सुबह के समय नौ बजे, लोतुकुंटा प्राथमिक पाठशाला में टन...टन घंटी बजी l घंटी की...
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