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राजस्थान की प्रथम नगर परिषद का ऐतिहासिक महत्व एवं महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता का एक विश्लेश्णात्मक अध्ययन: राजस्थान की प्रथम नगर परिषद्, ब्यावर के संदर्भ में कविता अटवाल शोधार्थी, राजनीति विज्ञान, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर (राजस्थान) धर्मदास अटवाल विभागाध्यक्ष एवं पीजीटी भाषा (हिन्दी), आर्मी...
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कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं में प्रकृति-बोध का आधुनिक सन्दर्भ डॉ. सन्तोष विश्नोई सम्पर्क- बुधाराम विश्नोई, आशीष पेट्रोल पम्प के पास, एनएच 11, मोमासर बास, श्रीडूँगरगढ़ बीकानेर-331803 मो. 9887547908 शोध सारांश कवि केदारनाथ अग्रवाल का प्रगतिशील कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। उनकी कविता...
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मनुष्य और पशु के साहचर्य जीवन को दर्ज करती रेणु की कहानी ‘तॅबे एकला चलो रे’ डॉ. मणिबेन पटेल 8383805299 शोध सारांश फणीश्वर नाथ रेणु अपने समाज, परिवेश, लोक संस्कृति और संवेदना के महान कथाकार हैं। उनकी कहानियों में बिहार...
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प्रभा खेतान के ‘छिन्नमस्ता’ उपन्यास में ‘स्त्री विमर्श’ गढवी योगेशकुमार गणपतदान स्वदूर विला सोसायटी मकान नं-५ पदमनाथ चौकड़ी, चाणस्मा हाईवे पाटन, तहसिल / जिल्ला – पाटन मो -९८७९३११९६३ शोध सारांश नारी विमर्श को अंग्रेजी में 'फेमिनिज्म 'कहां गया है। पश्चिम के विद्वान इस्टेल फ्रडमैन ने निम्न...
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उषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में बदलते स्त्री-पुरुष संबंध अर्चना मीणा, शोधार्थी, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, मोबाइल: 9953583025, ईमेल: anu31814@gmail.com, शोध सार यह अध्ययन उषा प्रियंवदा के कथा साहित्य में बदलते स्त्री-पुरुष के संबंधों से संबंधित है। उषा प्रियंवदा समकालीन नारी चेतना का सशक्त चित्रण...
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