नीलोत्पल मृणाल का यह उपन्यास आज के युवाओं की अंतरगाथा है। पारिवारिक और सामाजिक दबाव में युवा किस तरह जकड़ा है, यह उपन्यास में बखूबी स्पष्ट किया गया है। आज वैश्वीकरण के युग में आने वाली पीढ़ी की जरूरतें रोटी, कपड़ा और मकान तक सीमित न रहकर एक एलीट वर्ग की जीवन शैली अपना रही है जिसे उपन्यास में दिखाया गया है। एक नौकरी की आकांक्षा में आज का युवा अपने परिवार सहित सर्वस्व कुर्बान करने के लिए तत्पर है। इन्हीं समस्याओं को विवेच्य उपन्यास स्वर प्रदान करता है।