आधे-अधूरे : एक यर्थाथवादी रंगशिल्प
हिंदी सिनेमा में हाशिये के लोग – शबनम मौसी के संदर्भ में: वैष्णव पी वी
सिनेमा और समाज में वृद्ध-भावना सरोहा
मधुर भंडारकर का सिनेमा और स्त्री विमर्श-दुगमवार साईनाथ गंगाधर
ब्रज के संस्कार लोक-गीतों में निहित नारी वेदना-डॉ. बौबी शर्मा
हिंदी साहित्य और सिनेमा-अजय कुमार चौधरी
एल. जी.बी.टी. पर आधारित मराठी नाटक-डॉ. सतीश पावड़े
सारा का सारा समाज ही ढह रहा है : ‘घासीराम कोतवाल’नाटक की प्रासंगिकता का संदर्भ-हरदीप सिंह
भारतीय सिनेमा का चुनिया यानी ‘लवेबल-विलेन’-तेजस पूनियां
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