एम. ए. (हिंदी) पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रमों का सत्रानुसार विवरण
एम0 ए0 (हिंदी) प्रथम वर्ष
पहला सत्र (पावस सत्र)
पहला प्रश्नपत्र – छायावादी काव्य
दूसरा प्रश्नपत्र – निबंध और नाटक
तीसरा प्रश्नपत्र – भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा
चैथा प्रश्नपत्र – हिंदी साहित्य का इतिहास (आरंभ से रीतिकाल तक)
दूसरा सत्र (शीतकालीन सत्र)
पांचवाँ प्रश्नपत्र – छायावादोत्तर काव्य
छठा प्रश्नपत्र – कथा-साहित्य
सातवां प्रश्नपत्र – हिंदी साहित्य का इतिहास (भारतेंदु युग से अब तक)
आठवां प्रश्नपत्र (वैकल्पिक)- कोई एक मूलभाषा (संस्कृत/प्राकृत/पालि/अपभ्रंश) अथवा आधुनिक भारतीय भाषा (बंगला/मराठी/तेलुगु/ कन्नड़/उर्दू/ तमिल)।
एम0 ए0 (हिंदी) द्वितीय वर्ष
तीसरा सत्र (पावस सत्र)
नवाँ प्रश्नपत्र – आदिकालीन एवं निर्गुणकाव्य
दसवाँ प्रश्नपत्र – सगुण भक्ति काव्य
ग्यारहवां प्रश्नपत्र – संस्कृत काव्यशास्त्र
बारहवाँ प्रश्नपत्र – आधुनिक भारतीय साहित्य
चैथा सत्र (शीतकालीन सत्र)
तेरहवाँ प्रश्नपत्र – रीतिकाव्य
चैदहवाँ प्रश्नपत्र – पाश्चात्य साहित्य-सिद्धांत
पन्द्रहवाँ प्रश्नपत्र – हिंदी समीक्षा
सोलहवाँ प्रश्नपत्र (वैकल्पिक)- किसी एक साहित्यकार (जायसी/सूर/तुलसी/भारतेन्दु
हरिश्चन्द्र/प्रेमचंद/प्रसाद/निराला/ रामचन्द्र शुक्ल/ हजारीप्रसाद द्विवेदी/ अज्ञेय/ मुक्तिबोध/ यशपाल/जैनेन्द्र/ अमृतलाल नागर) अथवा किसी एक साहित्य प्रवृत्ति (संतकाव्य/रीतिकाव्य/ आधुनिक हिंदी साहित्य 1919- 1947/ स्वातंत्र्योत्तर हिंदी साहित्य) अथवा किसी एक भाषापरक या अन्य विषय (हिंदी भाषाशिक्षण /अनुवाद: सिद्धांत एवं प्रयोग/प्रयोजनमूलक हिंदी/ बोली विज्ञान एवं सर्वेक्षण पद्धति/हिंदी पत्रकारिता – इतिहास, सिद्धांत और प्रयोग/हिंदी नाटक एवं रंगमंच/हिंदीतर एवं देशांतर क्षेत्रों का हिंदी साहित्य/भारतीय साहित्य/लोक साहित्य) का विशेष अध्ययन ।
एम. ए. (हिंदी) प्रथम वर्ष
पहला प्रश्नपत्र: छायावादी काव्य
पाठ्यांश:
1- कामायनी: जयशंकर प्रसाद (चिंता, आशा एवं श्रद्धा सर्ग)
2- अनामिका: निराला (राम की शक्तिपूजा, सरोजस्मृति)
अनुशंसित ग्रंथ:
1- जयशंकर प्रसाद – नंददुलारे वाजपेयी, भारती भंडार, इलाहाबाद
2- कामायनी – एक पुनर्विचार – मुक्तिबोध, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
3- निराला की साहित्य साधना (तीन भाग) – रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
निराला की साहित्य साधना खंड 1, निराला की साहित्य साधना खंड – 2, निराला की साहित्य साधना खंड 3
4- सुमित्रानंदन पंत: डॉ. नगेन्द्र
5- छायावाद: नामवर सिंह, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
6- महादेवी वर्मा: जगदीश गुप्त, नई दिल्ली, 1994
7- छायावाद की प्रासंगिकता: रमेशचन्द्र शाह, नई दिल्ली, 1973
8- छायावाद और नवजागरण: महेन्द्रनाथ राय, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
दूसरा प्रश्नपत्र
निबंध और नाटक
पाठ्यांश:
- चिंतामणि (भाग एक): रामचंद्र शुक्ल (केवल छह निबंध – भाव या मनोविकार, करुणा, लोभ और प्रीति, कविता क्या है, लोकमंगल की साधनावस्था, रसात्मक बोध के विविध रूप)।
- अशोक के फूल: हजारी प्रसाद द्विवेदी (केवल छह निबंध – बसंत आ गया है, अशोक के फूल, भारतीय संस्कृति की देन, भारतवर्ष की सांस्कृतिक समस्या, साहित्यकार का दायित्व, मनुष्य ही साहित्य का लक्ष्य है)।
- अंधेर नगरी: भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- स्कंदगुप्त: जयशंकर प्रसाद
- आषाढ़ का एक दिन: मोहन राकेश
अनुशंसित ग्रंथ:
- रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना – रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- दूसरी परम्परा की खोज: नामवर सिंह, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- रामचन्द्र शुक्ल – मलयज, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का साहित्य – चौथीराम यादव, हरियाणा ग्रंथ अकादमी
- हिंदी नाटक: उद्भव और विकास – दशरथ ओझा, राजपाल एंड संस, दिल्ली
- हिंदी नाटक – बच्चन सिंह
- रंग दर्शन – नेमिचन्द्र जैन
- जयशंकर प्रसाद के नाटकों का शास्त्रीय अध्ययन – जगन्नाथ शर्मा
- नाटक के रंगमंचीय प्रतिमान – वशिष्ठ नारायण त्रिपाठी, जगत राम एण्ड संस, दिल्ली
- हिंदी नाट्यशास्त्र का स्वरूप – डॉ. नर्वदेश्वर राय, हिंदी ग्रंथ कुटीर, पटना
तीसरा प्रश्नपत्र
भाषा विज्ञान एवं हिंदी भाषा
पाठ्यांश:
- भाषा: परिभाषा, तत्त्व, अंग, प्रकृति और विशेषताएं । भाषा परिवर्तन के कारण एवं दिशाएं ।
- भाषाविज्ञान – परिभाषा एवं स्वरूप, अंग, प्रमुख अध्ययन-पद्धतियाँ ।
- स्वनविज्ञान – परिभाषा, स्वन, संस्वन और स्वनिम । औच्चारणिक स्वनविज्ञान (स्वनयंत्र और स्वन उत्पादन प्रक्रिया), स्वनभेद, मानस्वर, स्वनपरिवर्तन के कारण एवं दिशाएं ।
- स्वनिमविज्ञान – परिभाषा, स्वनिम के भेद – स्वनिम और उपस्वनिम, स्वनिमवितरण के सिद्धांत ।
- रूपिमविज्ञान – शब्द और रूप (पद), संबंध तत्त्व और अर्थतत्त्व, रूप, संरूप, रुपिम और स्वनिम, रूपिमों का स्वरूप, रूपिमों का वर्गीकरण ।
- वाक्यविज्ञान – वाक्य की परिभाषा, संरचना, निकटस्थ अवयव, वाक्य के प्रकार, वाक्य-रचना में परिवर्तन – कारण एवं दिशाएं ।
- अर्थविज्ञान – शब्दार्थ सम्बन्ध विवेचन, अर्थपरिवर्तन के कारण एवं दिशाएं
- भाषाविज्ञान की प्रमुख शाखाएं – समाजभाषा विज्ञान, शैलीविज्ञान और कोशविज्ञान का सामान्य परिचय ।
- संपर्क भाषा एवं राजभाषा के रूप में हिंदी
- नागरी लिपि का मानकीकरण ।
अनुशंसित ग्रंथ:
- भाषा विज्ञान की भूमिका – देवेन्द्र नाथ शर्मा, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
- भाषा विज्ञान – भोलानाथ तिवारी, किताब महल, इलाहाबाद ।
- सामान्य भाषाविज्ञान- बाबूराम सक्सेना, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग
- हिंदी भाषा का उद्भव और विकास – उदयनारायण तिवारी, भारती भंडार, इलाहाबाद ।
- भाषा और समाज – रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- राष्ट्रभाषा हिंदी: समस्याएं और समाधान – देवेन्द्रनाथ शर्मा, लोकभारती, इलाहाबाद ।
- भारत की भाषा समस्या – रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
- संपर्क भाषा हिंदी – सं0 सुरेश कुमार, ठाकुर दास, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा ।
- राजभाषा हिंदी: प्रचलन और प्रसार – डॉ. रामेश्वर प्रसाद, अनुपम प्रकाशन, पटना
- नागरी लिपि: हिंदी और वर्तनी – अनंत चैधरी, दिल्ली माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय, दिल्ली
- समसामयिक हिंदी में रूपस्वानिमिकी – सुधाकर सिंह