Beauty of life new COLLAGE

35-40 चेहरे और शरीर की सर्जरी। 20-30 लाख और इससे भी ज्यादा का खर्च। बावजूद उसके आप पहले जैसा चेहरा या शरीर ना पा सकें तो क्या गुजरेगी आप पर। इसी कहानी को कहती है यह डॉक्यूमेंट्री- ‘ब्यूटी ऑफ़ लाइफ़’।

चार अविश्वसनीय लोग मोहिनी, गौरव कुमार, चंद्रहास मिश्रा, सोनाली मुखर्जी, और अर्चना ठाकुर फ़िल्म ब्यूटी ऑफ लाइफ में महज ये चार नाम हैं और उनकी कहानी। लेकिन हकीकत इससे बहुत परे है। आए दिन अखबारों,न्यूज चैनलों के कॉलम इस बात से अटे पड़े रहते हैं कि फलां लड़की पर तेज़ाब डाला गया। इनमें अधिकांश केस प्रेम के होते हैं। ऐसे तथाकथित युवा लड़के जो प्रेम की परिभाषा तक नहीं समझते। और उनका मकसद केवल लड़कियों को बिस्तर तक लाने का होता है। वो भला प्रेम को कैसे समझ पाएंगे और वे जब इसमें कामयाब नही। हो पाते तो उस लड़की की जिंदगी तबाह कर देते हैं।
2013 के बाद हमारे देश के सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक सर्वाइवर के लिए कानून बनाए, उनके लिए 3 लाख से 50 लाख तक की आर्थिक मदद का एलान किया। इन सबके चक्करों में देश में हजारों एनजीओ खुले लेकिन मदद के नाम पर निल बट्टे सन्नाटा ही हासिल हुआ।

सिनेमा प्रेन्योर के पर्दे पर एसिड अटैक हुए इन लोगों की कहानी उनकी मुँह जबानी सुनकर रूह कांप उठती है। बेनूर और स्याह हो चुके उनके चेहरे और जिंदगियों में उनके अपने भी झांकना तक पसन्द नहीं करते। ऊपर से उन्हें कह दिया जाए कि आप 6 महीना 1 साल अपना चेहरा ना देखें। तो क्या गुजरेगी। एक आम इंसान दिन में 10 बार अपना चेहरा आईने में निहारता है और अपने को दुनिया का सबसे खूबसूरत इंसान समझता है। तिस पर लड़कियां चेहरे पर एक दाना भी निकल आए तो कई कई दिनों तक घरों से बाहर नहीं निकलती। जरा उनके दर्द , दुःख और तकलीफ़ को समझने की कोशिश करें जो इस कांड के बाद कभी अपना चेहरा नहीं देख पाएंगे और देखेंगे भी तो उन्हें खुद से घृणा होने लगेगी।

download

लेखक, निर्देशक, निर्माता , कई एड फ़िल्मों के मेकर आशीष कुमार की 47 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म भारत में तेजाब हमलों की चौंकाने वाली सच्चाइयों और सच्ची घटनाओं को गहराई से दर्शाती है। चार आत्माओं की आंखों के माध्यम से जिन्होंने न केवल पश्चाताप कृत्यों का सामना किया है, लेकिन फिर अवसाद, भावनात्मक और शारीरिक पीड़ा, उनके आसपास के समाज की निष्क्रियता, और आशा के साथ दूसरी तरफ आने के लिए अन्य अपमानों से जूझ रहे हैं, एक तरफ उनका भविष्य और दूसरी तरफ इन शातिर हमलों का अंत देखने के लिए एक अथक दृढ़ संकल्प। प्रत्येक दृश्य के बैकस्टोरी को बताने के लिए संक्षिप्त एनिमेटेड खंडों के साथ चार लोगों के साथ वास्तविक जीवन के साक्षात्कार के माध्यम से शक्तिशाली दृश्य इस फ़िल्म में दिखाए गए हैं। ये चार लोग भयावहता के सतह के निशान की लगातार याद दिलाते हैं। लेकिन ये लोग अपने जीवन में नए प्यार और मूल्य की खोज करने के लिए काफी हद तक प्रभावित करते हैं। एक समान लक्ष्य के साथ जागरूकता बढ़ाने में मदद करना और इसी तरह की परिस्थितियों से प्रभावित अन्य लोगों की सहायता करना इनका उद्देश्य बन जाता है।

कुल मिलाकर, अपने बहुत जरूरी संदेश के साथ, इस विषय पर कुंद सम्बोधन, प्रभावशाली साक्षात्कार और जागरूकता के लिए कॉल और बाद में इन एसिड हमलों को देश से मिटते देखने के लिए कार्रवाई करती फ़िल्म “ब्यूटी ऑफ लाइफ एक आंदोलन के रूप में दिखाई देती है

अपनी रेटिंग 4 स्टार

चित्र साभार-ourtitbits.com