महामारी के बाद
सन्नाटा ही सन्नाटा
भूख ही भूख
चीत्कार ही चीत्कार
महामारी के बाद
कुछ ही रहा शेष
सब बर्बाद !
जीवन भी गई
और गई व्यापारी
हाय रे महामारी
सब तरफ विलाप
प्रलाप
संलप !
जो भी सुख था
थोड़ी खुशी थी
सब खत्म
सब क्याप !
महामारी के बाद
जीवन में बचा
दुःख, दर्द
और बना
अभिशाप
उफ़ ये महामारी !