डॉ॰ रामविलास शर्मा (१० अक्टूबर, १९१२- ३० मई, २०००) आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे। व्यवसाय से अंग्रेजी के प्रोफेसर, दिल से हिन्दी के प्रकांड पंडित और महान विचारक, ऋग्वेद और मार्क्स के अध्येता, कवि, आलोचक, इतिहासवेत्ता, भाषाविद, राजनीति-विशारद ये सब विशेषण उन पर समान रूप से लागू होते हैं। [स्रोत]
उन्नाव जिला के ऊँचगाँव सानी में जन्मे डॉ॰ रामविलास शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम.ए. तथा पी-एच.डी. की उपाधि सन् १९३८ में प्राप्त की। सन् १९३८ से ही आप अध्यापन क्षेत्र में आ गए। १९४३ से १९७४ तक आपने बलवंत राजपूत कालेज, आगरा में अंग्रेजी विभाग में कार्य किया और अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष रहे। इसके बाद कुछ समय तक कन्हैयालाल माणिक मुंशी हिन्दी विद्यापीठ, आगरा में निदेशक पद पर रहे।
डॉ॰ रामविलास शर्मा का साहित्यिक जीवन का आरंभ १९३३ से होता है जब वे सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ के संपर्क में आए। १९३४ में उन्होंने ‘निराला’ पर एक आलोचनात्मक आलेख लिखा, जो उनका पहला आलोचनात्मक लेख था। यह आलेख उस समय की चर्चित पत्रिका ‘चाँद’ में प्रकाशित हुआ। इसके बाद वे निरंतर सृजन की ओर उन्मुख रहे। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के बाद डॉ॰ रामविलास शर्मा ही एक ऐसे आलोचक के रूप में स्थापित होते हैं, जो भाषा, साहित्य और समाज को एक साथ रखकर मूल्यांकन करते हैं।उनकी आलोचना प्रक्रिया में केवल साहित्य ही नहीं होता, बल्कि वे समाज, अर्थ, राजनीति, इतिहास को एक साथ लेकर साहित्य का मूल्यांकन करते हैं। अन्य आलोचकों की तरह उन्होंने किसी रचनाकार का मूल्यांकन केवल लेखकीय कौशल को जाँचने के लिए नहीं किया है, बल्कि उनके मूल्यांकन की कसौटी यह होती है कि उस रचनाकार ने अपने समय के साथ कितना न्याय किया है। [स्रोत]
मुख्य कृतियाँ
- प्रेमचंद और उनका युग, भारतेंदु हरिश्चंद्र, प्रगति और परंपरा, ‘भाषा, साहित्य और संस्कृति’, आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिंदी आलोचना,
- संस्कृति और साहित्य
- साहित्य स्थायी मूल्य और मूल्यांकन
- प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ
- प्रगति और परंपरा
- लोकजीवन और साहित्य
- आस्था और सौन्दर्य
डॉ॰ रामविलास शर्मा पर आधारित शोध कार्य
- आधुनिककाल और रामविलास शर्मा की आलोचना दृष्टि: एक अध्ययन
- आलोचक रामविलास शर्मा दृष्टि एवं अनुप्रयोग
- रामविलास शर्मा की चिंतनधारा का आलोचनात्मक अध्ययन
- हिंदी की प्रगतीशील आलोचना और डॉ. राम विलास शर्मा
- डॉ रामविलास शर्मा और परमपरा का मूल्यांकन
- हिंदी साहित्येतिहास_लेखन की परंपरा और डॉ रामविलास शर्मा की इतिहास_दृष्टि: एक अनुशीलन
- डा रामविलास शर्मा का कवि कर्म
[चित्र साभार: सत्याग्रह]