शीर्षक:- कोरोना का विध्वंश!
मचा के विध्वंश
कोरोना कर रहा है
आज तांडव हर ओर,
नहीं दिख रहा है
अब समाधान इसका,
दुनिया के किसी भी छोर ।।
सारी दुनिया आज
लगी हुई है अपनी
भूल सुधारने में ,
डॉक्टर भी निरंतर
कर रहे कोशिश
नए वैक्सीन बनाके
दुनिया को बचाने में ।।
क्या नेता क्या अभिनेता
क्या पुलिस और क्या जवान,
क्या सफाईकर्मी क्या मीडियाकर्मी
क्या वैज्ञानिक और क्या किसान ।।
लगे हुए हैं ये भी
छोड़ के अपना स्वार्थ
देश को सफल बनाने में,
मिलके कोरोना को हराने में।।
हम सभी देशवासी भी आओ,
आज एक प्रण लेंते है,
कि देश को अंधकार से
उजाले की ओर ले जाएंगे
और शान से तिरंगे को लहराएंगे।।-2
अरविन्द कुमार
(दिल्ली)
मौलिक रचना।।