आज हिंदी भाषा का प्रयोग विकास के ओर अग्रसर है। हरिवंश राय बच्चन जी का क्या भूलूं क्या याद करूं में हरिवंश जी ने हिंदी अपने मां और बहन से सीखी है । ठीक उसी प्रकार हम भी अपने भूल भाषा अपने परिवार ,परिजन तथा अपने आस पास के लोगों से ही सीखते है । जैसे जैसे हम उन लोगो से बात करते है अपने विचारो का आदन प्रदान करते है , कहीं ना कहीं उन लोगो का मूल भाषा का प्रभाव पड़ता है , आज यही कारण है कि हिंदी भाषा का रूप बदल रहा है ।
हिंदी भाषा का प्रचार प्रसार
हिंदी भाषा का विकास
आज हिंदी भाषा का प्रयोग विकास के ओर अग्रसर है। हरिवंश राय बच्चन जी का क्या भूलूं क्या याद करूं में हरिवंश जी ने हिंदी अपने मां और बहन से सीखी है । ठीक उसी प्रकार हम भी अपने भूल भाषा अपने परिवार ,परिजन तथा अपने आस पास के लोगों से ही सीखते है । जैसे जैसे हम उन लोगो से बात करते है अपने विचारो का आदन प्रदान करते है , कहीं ना कहीं उन लोगो का मूल भाषा का प्रभाव पड़ता है , आज यही कारण है कि हिंदी भाषा का रूप बदल रहा है ।