अटल इनोवेशन मिशन: मेक इन इंडिया टू मेक फॉर दी वर्ल्ड

शुभम जायसवाल

परिचय

भारत को नवाचार के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से अटल इनोवेशन मिशन की शुरुआत हुयी थी। इस मिशन ने अबतक कुल 68 अटल इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए हैं। देश भर में फैले ये प्रारम्भिक आर्थिक सहायता, प्रयोगशाला, व्यवसाय इन्क्यूबेटर प्रौद्योगिकी सुविधाएं व सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं। यह आत्मनिर्भर भारत की पहल को और भी मजबूती प्रदान करती है। आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पर व्यापक पहल भले ही कोविड के दौरान शुरू हुआ हो पर इसका नींव आज से सात वर्ष पहले ही मेक इन इंडिया के साथ ही पड़ चुकी थी। साथ ही भारतीय नवाचार ने फार्मास्युटिकल्स, तकनीक, कृषिए रक्षा, आईटी, उद्योग जगत में सकारात्मक परिणाम भविष्यगामी भारत की तस्वीर पेश करती हैं। मेक इन इंडिया की बात बस घरेलू बाजार की मांग पूरी करने के साथ ही खत्म नहीं होती, बल्कि विश्व बाजार से भी जोड़ने की कोशिश है। प्रस्तुत शोध पत्र अटल इनोवेशन मिशन की योजनाओं को संदेर्भित करते हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाने की पहल का समीक्षात्मक अध्ययन करने की कोशिश करता है।

मुख्य आलेख

आज पूरा विश्व भविष्यगामी योजनाओं को लेकर गंभीरतापूर्वक कार्य कर रहा है। तकनीक व सूचनातंत्र के विस्फोट व आम जनमानस के जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में उभरती हुयी चुनौतियों ने आवश्यक आविष्कारों को जन्म दिया है। ऐसे में केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि वैश्विक जगत में भी चुनौतियों के समाधान के लिए नवाचार को बढ़ावा देना ही बेहतर विकल्प होगा। नवाचार व उद्यमशीलता के क्षेत्र में अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) की पूरी कार्ययोजना राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर अबतक सरकार द्वारा किए जा रहे पहल में सबसे अधिक सार्थकता को अपने अंदर समेटे हुए हैं। भारतीय नवाचार में फार्मास्युटिकल्स, तकनीक, कृषि व रक्षा, आईटी, उद्योग जगत में सकारात्मक परिणाम भविष्य के भारत की तस्वीर पेश करती हैं। अटल इनोवेशन मिशन की शुरुआत की तारीख 26 अप्रैल, 2018 है। इसकी नींव आज से सात साल पहले मेक इन इंडिया के साथ ही पड़ चुकी थी। AIM ने स्टार्ट-अप, SME और माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर लघु व्यवसाय नवाचार अनुसंधान और विकास (SBIR) को स्थापित करने और बढ़ावा देने की योजना बनाई है। मेक इन इंडिया की बात बस घरेलू बाजार की मांग पूरी करने के साथ ही खत्म नहीं होती, बल्कि विश्व बाजार से भी जोड़ने की कोशिश है। इस पूरे प्रयास मे एआईएम नवाचार के क्षेत्र मे जुड़े व्यक्तियों की प्रारम्भिक आर्थिक सहायता, प्रयोगशाला, व्यवसाय इन्क्यूबेटर प्रौद्योगिकी सुविधाएं व सलाहकार की भूमिका निभा रहा हैं। एआईएम नीति आयोग द्वारा देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख पहल है, जो नवाचार नीतियों के संरेखण में केंद्रीय, राज्यीय और क्षेत्रीय नवप्रवर्तन योजनाओं के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विभिन्न स्तरों- माध्यमिक विद्यालय, विज्ञान, इंजीनियरिंग और उच्च शैक्षणिक संस्थान, और एसएमई / एमएसएमई उद्योग, कॉर्पोरेट और एनजीओ स्तर पर नवाचार और उद्यमिता के पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना और संवर्धन को प्रोत्साहित करेगा।[1] इसके साथ ही राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के अनुरुप, देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवप्रवर्तनों का कायाकल्प शामिल है, जैसे- वैज्ञानिक औद्योगिक अनुसंधान परिषद्, कृषि अनुसंधान (आईसीएआर) और चिकित्सा अनुसंधान (आईसीएमआर), आदि।[2] अगर संक्षेप में अटल इनोवेशन मिशन के दो मुख्य कार्य ‘उद्यमिता संवर्धन व अभिनव पदोन्नति’ है। जिसके अंतर्गत सरकार नवप्रवर्तन व उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। एआईएम के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मुख्य आधार स्तम्भ है[3] :

  1. अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं
  2. अटल इनक्यूबेटर्स केंद्र
  3. अटल नया भारत चुनौतियां और अटल महाचुनौतियां
  4. मेंटर ऑफ चेंज

अटल टिकरिंग प्रयोगशाला

मुख्य रूप से स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के अंदर तकनीकी समझ व एड्वान्स्ड़ तकनीकी के क्षेत्र में नवाचार के प्रति आकर्षित करता हैं। जिसमें 1400 से 1500 वर्ग फीट तक के क्षेत्र के अंदर रोबोटिक्स, 3D प्रिंटर व छोटे नवीनतम तकनीक विकसित करने के लिए 20 लाख रुपए तक अनुदान राशि प्रदान करता है। अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) ने अब तक देश के 720 से अधिक जिलों में 9,606 स्कूलों को अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं (एटीएल) की स्थापना के लिए वित्त पोषित किया है[4]। एआईएम ने 27 मार्च 2018 को सैप[5] के साथ एसओआई पर हस्तांक्षर किए जिसका उद्देश्ये नवाचार एवं उद्यमिता की संस्कृाति को बढ़ावा देना है। सैप के कर्मचारी स्वहयंसेवक उन्‍नत प्रौद्योगिकी से जुड़े विषयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षि‍त करने के साथ-साथ सैप लैब्स इंडिया की डिजाइन लैब निर्माण में उनका मार्गदर्शन भी करेंगे। इसके अलावा, सैप के कर्मचारी स्वहयंसेवक विद्यार्थियों को प्रौद्योगिकी से जुड़े उपकरणों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्तव करने का अवसर भी प्रदान करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल रूपांतरण एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्सय जैसे कि डिजाइन थिंकिंग विधि, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और अनुभवात्मक विज्ञान शिक्षण से संबंधित उन्नत प्रौद्योगिकी विषयों को सीखने में सक्षम बनाना है और लगभग 2.5 लाख युवाओं को कौशल शिक्षा प्रदान करना। इसके साथ ही नवाचार से जुड़ी कार्यरत परियोजनाओं की गुणवत्ता का आकलन कर उसको आवश्यक सूचना व साधन उपलब्ध कराना भी है।[6] साथ ही अटल इनोवेशन फेस्टिवल के जरिये अपनी योग्यता सिद्धि का अवसर देना जिसमे पाँच लाख युवा अन्वेसकों को एक अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करना शामिल है।

C:\Users\USER\Pictures\Screenshots\Screenshot (1).png

अटल इनक्यूबेटर्स केंद्र

अटल इनोवेशन मिशन ने आज तक कुल 68 अटल इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए हैं। देशभर में फैले ये व्यवसाय इन्क्यूबेटर प्रौद्योगिकी सुविधाएं और सलाह, प्रारंभिक विकास निधि, नेटवर्क और लिंकेज, सहकर्मी स्थान, प्रयोगशाला सुविधाएं, सलाह और सलाहकार सहायता प्रदान करके स्टार्टअप्स की सहायता कर रहे हैं। ये इनक्यूबेटर स्वास्थ्य सेवा, एआई, डीपटेक, एडटेक, कृषि और संबद्ध क्षेत्र, अक्षय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और क्लीनटेक जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। महामारी के दौरान नवाचार के जारिए बनाए कई एकूईपमेंट ने लोगों को महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद की है और यह आज भी जारी है। ये पथ प्रदर्शक देशभर के अन्य उद्यमियों और युवा प्रतिभाओं को नए एवं रचनात्मक उत्पादों, सेवाओं और समाधानों को बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये इन्क्यूबेटर अगली पीढ़ी के नवोन्मेषकों और उद्यमियों को बढ़ावा दे रहे हैं जो आने वाले कल के निर्माण मे प्रभावशाली सहायक साबित होंगे।[7] इनक्यूबेशन सपोर्ट में तकनीकी सुविधाएं और सलाह, शुरुआती ग्रोथ फंड, नेटवर्क और लिंकेज, को-वर्किंग स्पेस, लैब सुविधाएं, मेंटरिंग और एडवाइजरी सपोर्ट शामिल हैं। वे अक्सर निवेशकों, सरकारी संगठनों, आर्थिक-विकास गठबंधनों, उद्यम पूंजीपतियों और अन्य निवेशकों से पूंजी के लिए एक अच्छा मार्ग होते हैं। अधिकांश इन्क्यूबेटरों के पास नवाचार के प्रारम्भिक स्तर पर निवेश करने के लिए संभावित पूंजी है या संभावित फंडिंग स्रोतों के लिंक हैं। वे एकाउंटेंट और वकीलों जैसे पेशेवरों जो अपने क्षेत्र के जानकार हैं उनसे नवाचार में लगे व्यक्ति से भी आवश्यकता पड़ने पर परामर्श जैसी सेवाएं भी प्रदान कराते हैं। प्रारंभिक चरण के हाथ धारकों के रूप में, इनक्यूबेटर स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में कार्य करते हैं। वे क्षेत्रीय और साथ ही राष्ट्रीय आर्थिक विकास दोनों के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं।

कुछ नवाचार स्थानीय स्तर पर हैं जो कि इनक्यूबेटी उद्यमियों और अन्य लोगों के बीच उद्यमशीलता के क्षेत्र में नेटवर्किंग को बढ़ावा देने के लिए है। जबकि अन्य वर्चुअल आधार पर काम करते हैं इसके अलावा, बिजनेस इन्क्यूबेटर स्टार्ट-अप और शुरुआती चरण की कंपनियों का समर्थन करने के प्रति समर्पण में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पार्क से भिन्न होते हैं। अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पार्क बड़े पैमाने की परियोजनाएं हैं, जिनमें सरकारी संस्थानों, कॉरपोरेट्स, विश्वविद्यालय प्रयोगशालाओं से लेकर बहुत छोटी कंपनियों तक के संगठन शामिल हैं[8]

अटल इंक्यूबेटर्स केंद्र के कुछ प्रमुख लक्ष्य हैं:

  1. विश्व स्तर के इंक्यूबेटर्स केंद्र की स्थापना के लिए प्रयास व इस प्रकार की योजनाओं को बढ़ावा देना शामिल है।
  2. नवाचारी व्यक्तियों को व्यवसायिक सलाह देना और बाजार व वित्त से जुड़ी बारीकियों को समझने में सहायता करना।
  3. अधिक से अधिक तकनीकी व प्राकृतिक आविष्कारों को अवसर देना।
  4. नवाचार से जुड़ी तकनीकों के प्रयोग के लिए प्रयोगशाला का निर्माण करना और प्रयोगशालों को अधिक सुगम बनाना ताकि नवाचारी व्यक्ति को अपने नवाचार से जुड़े कार्य के लिए एक उचित वातावरण मिल सके।

C:\Users\USER\Pictures\Screenshots\Screenshot (2).png

अटल नया भारत चुनौतियां और अटल महाचुनौतियां

इसके अंतर्गत अत्याधुनिक डिजाइन आधरित तकनीक व यंत्र निर्माण को बढ़ावा दिया जाता है जिसके तहत सरकार एक करोड़ तक की अनुदान राशि भी प्रदान भी करती है। इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय व सामाजिक स्तर पर उत्पादन तकनीक से जुड़े नवाचार को जो व्यवसायिक उद्योग जगत के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर चुनोतियों का सामना करना व उनका समाधान प्राप्त करना है। अटल इनोवेशन मिशन के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छता, ऊर्जा और पानी जैसे भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार को प्रोत्साहित करना है। इसमे कृषि, यातायात, रेल, शिक्षा, स्वास्थ, जल, आवास, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और खाद्य मुख्य रूप से शामिल हैं। अबतक 24 क्षेत्रों को मुख्य रूप से इसके अंतर्गत चुना गया है साथ ही 700 से अधिक पंजीकरण हुए हैं। जिसमे से 30 से अधिक नवाचार शामिल है और 29 को उनका वित्तीय अनुदान प्राप्त करा दिया गया है।[9] इस वर्ष विभिन्न मुद्दों पर विमर्श किया गया है जिसके विषयों से यह आभास होता है कि भारत नवाचार में कितना गंभीर है व भविष्य कि योजनाएँ किस प्रकार की हैं।

  1. कला के जारिए जलवायु जागरूकता कार्यक्रम।
  2. टिकाऊ प्रबंधन व नीति से जुड़ी कार्यशालाएं।
  3. स्वास्थ खाद्य सामग्री, जीवनस्तर से जुड़े मुद्दो पर चस्तरीय वार्तालाप।
  4. पर्यावरण से संबंधित समसायों से जुड़े नवाचार।
  5. टिकाऊ परिस्थितकी तंत्र में आने वाली समस्या व उसका समाधान।
  6. इन सभी क्षेत्रों मे अधिक से अधिक महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करना।

अटल न्यू इंडिया चैलेंज में इसरो की भूमिका

इसरो हमारे देश की नवाचार व अन्तरिक्ष के क्षेत्र मे एक वैश्विक प्रतिष्ठित संस्था है। इसरो ने बड़े पैमाने पर MSMEs का समर्थन किया है और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पूरे भारत में अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाएं भी स्थापित करने पर अपने सहमति जतायी है। इसरो ने मुख्य रूप से तीन क्षेत्रों को अपने इस मुहिम में शामिल किया है; आर्टिफ़िश्यल इंटेलीजेन्स , प्रणोदन (Propulsion), भू-स्थानिक (Geo-spatial)। जिसके अंतर्गत हरित प्रणोदन , उन्न्त वायु स्वास, विद्युत, फसल निगरानी, मौसम पूर्वानुमान, कार्यक्रम मूल्यांकन के लिए एआई व रोबोटिक्स का भी प्रयोग शामिल है। इसके साथ ही इसरो प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 100 अटल टिंकरिंग लैब को एडोप्ट करेगा जिसमे प्रत्येक राज्य व केन्द्र्शासित से 3 को शामिल किया जाएगा ।

जैसा कि लेख के शुरुआत मे ही हमने यह बताया था कि एआईएम का नींव मेक इन इंडिया के साथ ही पड़ गया था। मेक इन इंडिया रक्षा, कृषि, खाद्य, रेल, स्वास्थ, आटोमोबाइल, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, जल, फार्मा इंडस्ट्री व आदि क्षेत्रों उत्कृष्ट परिणाम दिए हैं[10]:

  1. दिसंम्बर 2021 में दवा व फार्मास्यूटिक्लस का कुल निर्यात 2280.20 मिलियन डॉलर रहा जो कुल निर्यात का 6.14 फीसदी है।
  2. रक्षा के क्षेत्र भी भारत ने पिछले कुछ वर्षो के अप्रत्याशित तरक्की की है। इस दौरान 155 एमएम आर्टिलरी गन सिस्टम- धनुष, हल्के युद्धक विमान – तेजस, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली – आकाश, आरएनएस कलवरी, आईएनएस कंडेरी, आईएनएस चेन्नई, पनडुब्बी-रोधी वारफेयर कार्वेड, ब्रिज लेयर टैंक, लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, ऑफशोर सर्विलेंस शिप, वाटर जेट फास्ट अटैक क्राफ्ट, फास्ट इंटरसेप्टर बोट आदि। इन सबका उत्पादन मेक इन इंडिया के तहत देश में किया जा रहा है।
  3. खाद्य के क्षेत्र में 2014-15 के दौरान सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) 1.34 लाख करोड़ रुपये था जो 2019-20 में 2.24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा जो 10.82 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। वहीं देश में 20 मेगा फूड पार्क चालू हो चुके हैं। इनकी संख्या 40 या उससे भी ज़्यादा ले जाने का लक्ष्य है। समुद्री उत्पादों का निर्यात दिसम्बर 2021 में 720.51 मिलियन डॉलर पर पहुंचा जो दिसम्बर 2020 के मुकाबले करीब 28 फीसदी ज़्यादा है।
  4. कचरे से बिजली बनाने का संयंत्र भुवनेश्वर में स्थापित किया गया है जो 24 घंटे मे बिना किसी प्रदूषण निस्तारण के पूरे कचरे का प्रसंस्करण भी करता है।
  5. रेल क्षेत्र में ग्रीन इंडिया मिशन के तहता पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन का नियमन शुरू किया गया है और 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चलने वाले सेल्फ प्रोपेल्ड स्वदेशी रेल गीयर का भी निर्माण किया गया है।
  6. 12,000 हॉर्स पावर के इंजन निर्माण क्षमता का विकास जो भारत को दुनिया के उन 6 चुनिन्दा देशो में शामिल करता है जिनके पास यह निर्माण क्षमता है।
  7. वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 17800 करोड़ रुपये से ज़्यादा की योजना शुरू की गई है। वहीं बुनकरों की बेहतरी के लिए दो विशेष योजनाएं शुरू कि गयी हैं – राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम और कच्ची सामग्री आपूर्ति योजना।

अटल इनोवेशन मिशन की उपलमधियां:

  1. एआईएम ने अबतक 9500 से अधिक अटल टृंकिंग लैब का निर्माण व विनिर्माण किया है।
  2. लगभग 75 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को इसके तहत जोड़ा गया है जो इनको तकनीकी के क्षेत्र मे न केवल रुचि जागृत कर रही हैं बल्कि नवाचार के लिए भी प्रोत्साहित भी करना है।
  3. अभीतक 68 इंक्यूबेसन केंद्र कि स्थापना हुआ है , जो अब तक 30000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। इसके साथ ही 23 राज्यों को कवर करने वाले 102 इनक्यूबेटरों को शॉर्टलिस्ट किया है और इन इन्क्यूबेटरों में से 47 पहले से ही फाइनेंस्ड हैं।
  4. AIC और EICS के तहत, 2200 से अधिक स्टार्ट-अप इनक्यूबेट किए गए और 650 के करीब महिलाएं स्टार्ट-अप का नेतृत्व कर रही हैं।
  5. अब तक आयोजित किए ज्ञे 900 कार्यक्रम और 350 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल संचालन किया जा चुका है।
  6. 5100 से अधिक मेंटर ऑफ चेंज के बनाए गए हैं जो नवाचार के क्षेत्र मे सहयोग व परमर्श का कार्य कर रहे हैं।
  7. एएआईएम ने लगभग 6 करोड़ रू. के सीड फंड उपलब्ध कराए हैं।
  8. एकोसिस्टम डवलपमेंट के विकास के लिए 350 से अधिक सहयोग स्थापित किए।
  9. लघु उधम से जुड़े चुनौतियों के क्षेत्र में लगभग 15 प्रयोगिक शोध व नवाचार के कार्यक्रम संचाइट हैं।
  10. एआईएम के तहत 40 से अधिक घरेलू व वैश्विक सहयोगी है जो नवाचार से जुड़े तकनीकी, वित्तीय व बौद्धिक परामर्श मे हमें मदत प्रदान कर रहे हैं।

मेक इन इंडिया व एएआईएम के तहत नवाचार के क्षेत्र में हो रहे आविष्कार भारत के सामाजिक व आर्थिक स्तर पर गति व मजबूती प्रदान कर रही हैं और इस बात का आधार बन रही है कि भारत आने वाले देश की घरेलू ज़रूरतों को पूरा करने के साथ विश्व बाज़ार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता काफी हद तक तैयार है। अब तक के प्राप्त आकड़ों व अध्ययन में जो परिणाम आए है वह इस महामारी के दौरान के रहे हैं और अगर यह कहा जाये कि यह ‘आपदा मे अवसर’ कि बात को चरितार्थ कर रहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। प्रधानमंत्री ने 17 जनवरी, 2022 को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में संबोधन के दौरान वक्तव्य में यह बात व्यक्त किया कि ‘हम मेक इन इंडिया व मेक फॉर द वर्ल्ड’ की भावना से आगे बढ़ रहे हैं[11]। अटल इनोवेशन मिशन पूरी योजन न केवल घरेलू चुनौतियों पर ध्यान दे रही बल्कि वैश्विक बाजार तक भी अपनी पहुँच बनाने के लिए कार्य कर रही है जो आने वाले समय में भारतीय नवाचार के क्षेत्र मे मील का पत्थर साबित होंगी।

संदर्भ-सूची:

  1. AIM-iCREST: NITI Aayog (2020).
  2. Atal Innovation Mission (2021).
  3. Atal Innovation Mission collaborates with Bayer to work towards healthcare and agriculture innovations (2021).
  4. Atal Innovation Mission collaborates with KidEx to provide innovation and entrepreneurship (2021).
  5. Atal Innovation Mission launches’Innovations for You’ to showcase success stories of start-ups (2021).
  6. Atal Innovation Mission, AWS collaborate to scale cloud skilling, and accelerate innovation with education technology startups in India (2021). https://www.highereducationdigest.com/atal-innovation-mission-aws-collaborate-to-scale-cloud-skilling-and-accelerate-innovation-with-education-technology-startups-in-india/

Atal Innovation Mission.

Atal Innovation Mission: Envisaging Innovation Among Youth (2017). https://digitallearning.eletsonline.com/2017/12/atal-innovation-mission-envisaging-innovation-among-youth/
  1. Atal innovation Missioncollaborates with CIPS for innovations in public systems (2021). https://government.economictimes.indiatimes.com/news/policy/atal-innovation-mission-collaborates-with-cips-for-innovations-in-public-systems/81964875
  2. Govt moving ahead with idea of ‘Make in India, Make for World’, says PM Modi at WEF (2021). https://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/govt-moving-ahead-with-idea-of-make-in-india-make-for-world-said-pm-modi-at-wef/articleshow/88957982.cms
    1. https://cleartax.in/s/atal-innovation-mission-aim
    2. https://government.economictimes.indiatimes.com/news/digital-india/atal-innovation-mission-collaborates-with-kidex-to-provide-innovation-and-entrepreneurship-programs-for-students/90141917
    3. https://government.economictimes.indiatimes.com/news/technology/atal-innovation-mission-launches-innovations-for-you-to-showcase-success-stories-of-start-ups/87200869

https://indiaai.gov.in/missions/atal-innovation-mission

  1. https://www.niti.gov.in/atal-innovation-mission-0
  2. https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1786070
  3. Ibid. p. 23, 24
  4. NITI Aayog launches Atal Innovation Mission digi-book (2021). https://www.aninews.in/news/national/general-news/niti-aayog-launches-atal-innovation-mission-digi-book20211021200745/
  5. कुरुक्षेत्र, फरवरी, 2022, पृ. 29-33.
  1. अटल इनोवेशन मिशन. https://www.niti.gov.in/hi/aim (मार्च, 2022)
  2. Ibid.
  3. Ibid.
  4. Over 9,600 schools get funds from Atal Innovation Mission for promoting innovation.
  5. SAIP (POZZI Industries), कंपनियों और तकनीकी समाधानों का एक साथ हिस्सा है, जिसका मिशन ग्राहकों को एक एकीकृत अवसर प्रदान करना है, जो ट्रंकी (Turnkey Projects) के साथ भी सफल विचारों को विकसित और कार्यान्वित करने के लिए विविध और पूरक कौशल में अत्याधुनिक हैं। https://www.saipequipment.com/company/ (11 मार्च, 2022 को देखा गया)
  6. https://vikaspedia.in/InDG
  7. कुरुक्षेत्र, फरवरी, 2022, पृ. 23.
  8. https://aim.gov.in/aic-overview.php
  9. https://aim.gov.in/atal-new-india-challenge.php
  10. कुरुक्षेत्र, फरवरी, 2022, पृ. 29-33.
  11. Govt moving ahead with idea of ‘Make in India, Make for World’, says PM Modi at WEF. https://timesofindia.indiatimes.com/business/india-business/govt-moving-ahead-with-idea-of-make-in-india-make-for-world-said-pm-modi-at-wef/articleshow/88957982.cms. (18 March, 2022 देखा गया).

शोधार्थी, लार्डिस,

लोक सभा सचिवालय, नई दिल्ली

ईमेल : subham.loksabha@sansad.nic.in

मो. 8299552164